जी हाँ !! वही चाचा चौधरी जिनका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज़ चलता है ....
क्या कहा आपने ?? ... आप चाचा चौधरी को नही जानते ... सच बोलिए ... अगर आपने चाचा चौधरी नही पड़ी,तो बचपन मे आपने किया क्या ???
ख़ैर कोई बात नहीं ... हम पहचान करवा देते हैं ...
ये हैं चाचा चौधरी और साबू -
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ये दोनों बहोत ही भले लोग हैं ... हमेशा दूसरों का भला करते हैं ... और भलाई करते-करते इनका कई मजेदार लोगों से मिलना होता रहता है ... जैसे की वैध चक्रमाचार्यवैध चक्रमाचार्य एक बहोत ही पहोचे हुए बुज़ुर्ग हैं ... उन्हे जड़ी-बूटियों की बड़ी गहरी जानकारी है ... जब चाचा चौधरी उनसे मिलने पहोचे थे ... तब चर्क्रमाचार्य जी ने चाचा को एक ऐसा अदभुत अर्क दिखाया था जिसे पीते ही पालतू बिल्ली भी भेडिये जितनी बड़ी और ताकतवर हो जाती हैं -
सिर्फ़ इतना ही नही ... उस अर्क से तो बिल्ली अमर भी हो गई थी
वैसे भलाई की राह मे चाचा चौधरी को बुरे लोगों भी मिलते है ... इन्ही बुरे लोगों मे से एक था राका ... राका एक खतरनाक और अय्याश डाकू था ... पुलिस हमेशा उसके पीछे लगी रहती थी
वैसे तो राका पुलिस को चकमा दे कर भागने मे कामयाब हो जाता था
पर एक बार पुलिस ने अपना शिकंजा ऐसा कसा की राका की जान पर बन आई ... इसी मोड़ पर राका की किस्मत की उसने वैध चक्रमाचार्य का अर्क, ज़हर समझ कर पी लिया ... और वो बन गया ...
... खूंखार दरिंदा ... फिर उसने सिर्फ़ हिंदुस्तान ही नही बल्कि पूरी दुनिया के लोगों को लल्कारा
इस मुश्किल मे दुनिया-वालों ने किसको याद किया ?? ... जी हाँ आपने सही पहचाना ... सिर्फ़ एक ही आदमी इस दुनिया को बचा सकता था - चाचा चौधरी
चाचा का दाहिना हाँथ है साबू - जब साबू को गुस्सा आता है तो पास के किसी ग्रह मे ज्वालामुखी फूट पड़ता है
तो क्या चाचा चौधरी ने दुनिया को बचा लिया ??? ... क्या साबू राका से जीत पाया ???
इन सवालों का जवाब मैं नही दूँगा ... जवाबों के लिए आपको पढ़नी पड़ेंगी
डायमंड कामिक्स ... क्योंकि
चुन्नू पढता डायमंड कामिक्स ... मुन्नी पढ़ती डायमंड कामिक्स ....
मज़ेदार ये डायमंड कामिक्स ... डायमंड कामिक्स ... डायमंड कामिक्स
1 टोक - झोक :
बचपन याद दिला दिया आपने ।।
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